horror youtuber ghost story in hindi ,

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लगभग ७०० हेक्टर्स में फैला चौधरी साहेब का प्लाट जिसके बीचों बीच बना फॉर्म हाउस , एक कोने में मछलियों और मगर मच्छों से भरा तालाब तो दुसरे कोने में कुत्तों का बाड़ा जिसमे एक से एक खतरनाक कुत्तों को रखा गया था उनके लिए ताज़ा मांस और गोस्त के लिए ढेर सारे बकरे और सूअर , चौधरी साहेब चिकेन के बहुत शौक़ीन है इसलिए उन्होंने अपने फॉर्म हाउस में ही कड़कनाथ नश्ल के सैकड़ों मुर्गे मुर्गियां पाल रखे हैं, इन सब की देखभाल के लिए उनका ख़ास नौकर है हरिया , चौधरी साहेब चिड़ीमार भी थे वो जब कभी हवेली की छत से ही किसी परिंदे का शिकार करते , हरिया अपने वफादार कुत्तों के साथ जान पर खेलकर भी शिकार को तुरंत लाकर हुज़ूर की सेवा में पेश कर देता , इलाके में चौधरी साहेब के नाम का खौफ है , सबको पता है की ये मगरमच्छ से भरा तालाब कितने दरोगा मुन्सियों की जान ले चुका है , और आज तक न जांच हुयी न मुक़दमा चला ,

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राजू पार्क में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ लिप्स टू लिप्स किश में मस्त था की , पार्क के एक कोने में कुछ बिजली सी चमकती है , तभी झाड़ियों से एक कुत्ता दौड़ता हुआ राजू की तरफ आता है , राजू सकपका जाता है , वो अपनी गर्ल फ्रेंड को किनारे करके खुद सामने आ जाता है , तभी एक हाँथ में तलवार और एक हाँथ में किसी इंसान की कटी हुयी मुंडी लिए एक आदमी दौड़ता हुआ उनकी तरफ बढ़ता है राजू और उसकी गर्लफ्रेंड डर जाते हैं , वो मेन गेट की तरफ भागते हैं , पार्क में मौजूद लोग भी डर जाते हैं , अभी राजू और उसकी गर्लफ्रेंड गेट तक पहुंचते ही हैं की तलव्वार वाला आदमी ठीक उनके पास आ जाता है , दोनों डर के मारे पसीना पसीना हो जाते हैं , तभी वो कुत्ता वापस आकर कूँ कूँ करता हुआ तलवार वाले शख्स का पैर चाटने लगता है , वो शख्स भी तलव्वार रख कर झुकता है और कुत्ते को गले लगा लेता है , ये सब देखकर राजू का डर ख़त्म हो जाता है राजू पूछता है क्या है यार ये सब इतना खून खराबा क्यों वो शख्स बोलता है कुछ नहीं यार प्रैंक था हम लोग यूटूबर हैं तभी एक एक करके झाड़ियों से निकलते हुए और बहुत से लड़के पास आ जाते हैं , वो शख्स अपना नाम अंकित बताता है और अपनी सभी दोस्तों को राजू से इंट्रोड्यूस करवाता है सभी बारी बारी से अपना परिचय देते हैं , अंकित और राजू में मोबाइल नंबर का आदान प्रदान होता है और दोनों वहाँ से चले जाते हैं , एक मामूली सी मुलाक़ात जान पहचान में और जान पहचान कब दोस्ती मे बदल जाती है किसी को पता भी नहीं चलता है , और संडे टू संडे उनकी मीटिंग भी होने लगती है राजू भी प्रैंक वीडिओज़ बनाने में उन सभी की मदद करने की इच्छा ज़ाहिर करता है , सब एक टीम का गठन कर लेते हैं , जिसमे राजू की गर्लफ्रेंड भी शामिल हो जाती है , राजू उन सबको रियल घोस्ट का वीडियो बनाने का आईडिया देता है और एक जगह बताता है , सभी तैयार हो जाते हैं , ये ट्रिप कन्नौज के लिए रवाना हो जाता है ,

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कन्नौज तक सारी टीम २ कार से रवाना होती है , टीम में रमन , राघव , संजय , सुजीत, रतन , अविनाश , अजितेश , अंकित , और राजू के साथ उसकी गर्लफ्रेंड मोना थी , कन्नौज बस १० किलो मीटर ही रह गया था की पीछे वाली कार का टायर पंक्चर हो गया था , दोनों कारें वहीँ बीच सड़क में रुक जाती हैं , आजु बाजु घना जंगल है , तभी सामने से मस्ती में साइकिल चलाता हुआ एक शख्स आता हुआ दिखाई देता है , रात हो चुकी थी , आँख में मोबाइल की लाइट पड़ने से वो चौधिया जाता है और लड़खड़ा कर वहीँ गिर जाता है , रभी रमन उससे पूछता है भैया ये कन्नौज कितना है यहां से साइकिल वाला बोलता है आप कन्नौज में ही खड़े हो साहेब बस दस फर्लांग आगे कन्नौजवा है ,राघव बोलता है एक्चुअली हमें कन्नौज नहीं बल्कि उसके आगे टीकरी नाम का गाँव है वहाँ से पुराना गेस्ट हाउस है वहीँ जाना है , साइकिल वाला बोलता है का करने जा रहे हो वहां हमरी मानो तो मतई जाओ बहुत खतरनाक जगह है वो पिछली साल कौनौ सिनेमा वाले गए थे उते आज तक लौट कर नहीं आये , लाश तक को पता नहीं चला बेचारेन को , रमन और राघव के साथ सभी लोग राजू की तरफ देखते हैं राजू बोलता है बुड़वक है ये आदमी ये गाँव का अनपढ़ क्या जाने एडवेंचरस क्या होता है , और हमे तो रियल भूत का वीडियो भी बनाना है , साइकिल वाला कहता है मरोगे सबके सब और साइकिल आगे बढ़ा देता है ।

तभी टायर बदल रहे अजितेश और अंकित बोलता हैं यार इतना बड़ा लोहे का टुकड़ा ज़रूर किसी की शरारत होगी , रास्ते में वैसे नुकीले टुकड़े और पड़े थे अजितेश बोलता है यहां कहाँ भूत क्या लोहे की टुकड़े फेंकेगा और यूँ ही बात चीत करते करते टायर भी बदल जाता है , और १० मिनिट बाद कन्नौज भी आजाता है , रात वहीँ किसी लॉज में रुकने का प्लान बनता है और सुबह सुबह टीकरी गाँव के पास के जंगल के लिए रवाना होने का प्लान बनता है , सुबह सुबह टीम टीकरी के जंगल की और रवाना होती है , कार हाईवे के किनारे खड़ी करके सब जंगल के अंदर घुस जाते हैं , दिन भर आराम से शूट चलता है , सभी कहते हैं चलो हो गया काम न , शूट ख़तम राजू कहता है अभी तो असली चीज़ शूट हुयी ही नहीं जिसके लिए हम यहां आये थे , अभी तो नकली भूत के प्रैंक वीडिओज़ बने हैं यूट्यूब में सब्सक्राइबर्स बढ़ाने के लिए कुछ तो रिअलिस्टिक दिखाना पड़ेगा , सड़क छाप प्रैंक वीडिओज़ तो भरे पड़े हैं , इतना कहकर जैसे ही राजू वापस पलटता है , तभी अँधेरे को चीरती हुयी एक भयानक चीख सुनायी देती है , राजू कहता है , आ गया वो जिसका हमें इंतज़ार था कैमरा ऑन रखों लाइव घोस्ट दिखाएंगे आज यूट्यूब में , सभी दरख्तों में कमरे लगा दिए जाते हैं , अजितेश एक कैमरा खुद हैंडल करता है , तभी आसमान से कोई चीखता हुआ साया आता है , और अजितेश को अपने साथ हवा में उड़ा ले जाता है , और जब अजितेश ज़मीन पर गिरता है वो ज़िंदा नहीं होता खून से लथपथ लाश में बदल चुका होता है , किसी को कुछ समझ में आता उससे पहले सभी वहाँ से दौड़ लगा देते हैं , कौन किस दिशा में भाग रहा है किसी को कुछ पता नहीं चलता है , सुजीत अभी कुछ ही दूर भगा था की उसका पैर किसी फंदे से टकराता है , और अगले ही पल वो अपने आपको जाल में फंसा हुआ ऊपर पेड़ पर पाता है ,

मोना दौड़ती दौड़ती एक खड्डे में गिर जाती है , और जब होश में आती है तो अपने आपको एक घनघोर काली अँधेरी कोठरी में पाती है , अपने आपको अकेला पाकर वो चीख उठती है , मगर तभी एक शख्स के कराहने की आवाज़ सुनायी देती है , वो पूछती है कौन है जवाब में आवाज़ आती है मैं रमन मोना .. बाकी सब कहाँ है ? .. बाकी का नहीं पता मैं तुम्हारी पीछे पीछे ही था जैसे तुम खड्डे में गिरी मैं भी तुम्हे बचाने के लिए तुम्हारे पीछे कूद पड़ा और जब आँख खुली तो इस अँधेरी कोठरी में पाया , मोना कहती है राजू कहाँ है , मुझे अकेला छोड़कर आखिर वो भाग कहाँ गया , रमन कहता है देखो ये गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड का मामला है बाद में लड़ झगड़ लेना पहले ये डिसाइड करो की यहां से निकलना कैसे है , मोना … हाँ तुम सही कह रहे हो , और वहां मौजूद सामग्री को इकठ्ठा करके किसी तरह से प्रकाश की व्यवस्था में जुट जाते हैं ।

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इधर संजय दौड़ते दौड़ते थक कर एक पेड़ के नीचे रुक जाता है , तभी पेड़ के पीछे से एक हाँथ उसके चेहरे की तरफ बढ़ता है और उसका मुँह दबा लेता है संजय तड़पने लगता है , तभी उस शक्श का दूसरा हाँथ जिसमे खंज़र लिया हुआ था संजय की गर्दन काट देता है और खंज़र को अपनी कमर में पीछे तरफ खोसता हुआ एक हाँथ में संजय का सिर और दूसरे हाँथ में धड़ को लिए घसीटता हुआ जंगल की अनंत गहराइयों में गुम हो जाता है ,

इधर मोना और रमन घास फूस को एक डंडे में लपेट कर एक मशाल बना लेते हैं , रमन के पास लाइटर था मगर उसने कहाँ रखा था उसे याद नहीं नहीं था , तभी मोना कहती है जल्दी याद करो डफर जब हमे कोई मार डालेगा तब लाइटर ढूँढोगे वैसे तो सिगरेट का धुंआ उड़ाने में बहुत मज़ा आता है तुम्हे , तभी जैकेट की पॉकेट में रमन को लाइटर मिल जाता है , जिससे वो तुरंत घासफूस की बनाई हुयी मशाल को जला देता है , रौशनी धीरे धीरे चारों तरफ फ़ैल जाती है और सामने जो मंज़र दिखता है वो अत्यंत भयानक था , वो अपने आपको कंकालों के ढेर के बीच खड़ा हुआ पाते हैं , तभी कोठरी के सामने के रास्ते से किसी की पास आने की आहट और गुर्राहट दोनों सुनायी देती है , मोना कहती है जान बचानी है तो भागो और दोनों विपरीत दिशा की और भागने लगते हैं ,

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जंगल में भटके हुए अविनाश और राघव को एक बूढा शिकारी मिलता है , दोनों अपनी आप बीती उस बूढ़े शिकारी से बताते हैं , शिकारी बोलता है , डरने की कोई बात नहीं है छोटी मोटी वारदातें होती रहती हैं , वैसे ये जंगल नरभक्षियों के लिए बदनाम है मगर मैं हमेशा अपने साथ राइफल रखता हूँ , ताकि दरिंदों का आसानी से शिकार कर सकूं , राघव और अविनाश बोलते हैं थैंक यू अंकल हमारी जान बचाने के लिए , शिकारी बोलता है डरो मत मेरे बच्चों मेरे रहते तुम्हे कोई छू भी नहीं सकता , यही पास में मेरा फॉर्म हाउस है , मैं तुम्हे वहीँ लेकर चलता हूँ , और वो दोनों को साथ में लेकर चौधरी साहेब के स्टेट के अंदर प्रवेश करता है , सामने कुर्सी पर एक और बुड्ढा बैठा हुआ है , वो कोई और नहीं स्वयं चौधरी साहेब थे जिसके सामने जाते ही शिकारी अपनी हैट उतारता है , और चौधरी साहेब के क़दमों में रख देता है , चौधरी साहेब राघव और अविनाश को सर से पैर तक एक बार देखते हैं और अपने गुलाम (शिकारी ) हरिया को कहते हैं जाओ बच्चों के जलपान का प्रबंध करो , और हरिया उन दोनों को लेकर फॉर्म हाउस के अंदर चला जाता है ।

दोनों सोफे में बैठे पानी पी रहे हैं , तभी अविनाश की नज़र खिड़की के कांच पर लगे खून के धब्बों पर पड़ती है , वो राघव की ओर इशारा करता है , मौका पाकर दोनों फॉर्म हाउस के बाहर की खिड़की के पास चले जाते हैं , जहां उन्हें रतन तड़पता हुआ मिलता है , वो इशारों में कुछ बताने की कोशिश करता है शायद वो ये कहता है की तुम लोग यहां से भाग जाओ ये जगह खतरे से खाली नहीं है , तभी शिकारी बना हरिया बाहर आ जाता है और रतन और कुछ कह पाता इसके पहले फ़ौरन गोली मार देता है , रतन को मरता हुआ देख अविनाश और राघव फ़ौरन शिकारी हरिया के ऊपर झपट पड़ते हैं , वो उसका गला दबाने लगते हैं , तभी चौधरी साहेब आ जाते हैं , वो सबको अलग करते हैं और हरिया को चार छह झापड़ रसीद कर देते हैं , चौधरी साहेब के डर से हरिया चुप चाप वहां से चला जाता है , चौधरी साहेब हरिया को चिल्लाते हैं ,इस बियाबान में रहते रहते आदमखोर हो गया है साला नमक हराम फॉर्म हाउस में इतने माल मवेशी भरे पड़े हैं साला उन्हें मार के नहीं खाता है , इंसानो का रोज़ ताज़ा गोस्त चाहिए इसको , और रतन की बॉडी को उठा के सामने लगे ऑइल प्लांट की मशीन में डाल देता है , एक तरफ से रतन के जिस्म का खून और दूसरे तरफ से मांस के लोथड़े निकलने लगते हैं , अविनाश और राघव वहाँ से भागना सुरु करते हैं और गिरते पड़ते एक ऐसी जगह पहुंच जाते हैं , जहां अंकित पहले से एक कुर्सी में बंधा हुआ है , राघव और अविनाश ये दृश्य देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं , वो अंकित को बंधन से मुक्त करते हैं थका हुआ अंकित अभी भी कुर्सी में ही बैठा हुआ है तभी अंकित की गोद में अजितेश की मुंडी आकर गिरती है , इतने में राजू वहाँ पहुंच जाता है , ये सब मंज़र देखकर वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाना सुरु कर देता है , और कहता है ये देखो ये हैं हॉरर के बेस्ट यू ट्यूबर इन्होने अपने दोस्त की ही जान ले ली , अभी राघव और अविनाश कुछ समझ पाते की रमन और मोना भी वहाँ आ जाते हैं , वो राजू को चीखता हुआ सुन लेते हैं , वो भी अंकित राघव और अविनाश को गाली देना सुरु कर देते हैं ,

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राजू सामने पड़े फावड़े को उठा लेता है और अंकित पर हमला कर देता है तभी हाँथ में राइफल लिए चौधरी साहेब अपने नौकर हरिया के साथ वहाँ पर पहुंच जाते हैं , और एक बार फिर उन सब पर ताबड़ तोड़ फायरिंग करते हुए कहते हैं , हमारे पूर्वजों की वर्षों से सोयी हुयी आत्मा को जगाया है तुमने अब तुम्हारे रक्त से हमारे पूर्वजों की प्यासी आत्मा को शांति मिलेगी और हमारी बंज़र पड़ी ज़मीन लहलहा उठेगी , इधर राजू मोना को अपने साथ खींच कर दूर ले जाता है इतना कहकर चौधरी साहब एक बार फिर सबको चुन चुनकर गोली मार देता हैं , सबके भूंजे जाने के बाद हरिया एक एक लाश को गुफे के द्वार पर छोड़ आता है , मोना ये सब देखकर डर जाती है , वो राजू से कहती है प्लीज़ हेल्प हिम है राजू कहता है चुपचाप रहो, वरना हम भी मारे जायेगे ,सभी लाशों को गुफा के अंदर फेकने के बाद हरिया गुफा का दरवाज़ा एक बार पुनः बंद कर देता है , इसके बाद चौधरी साहेब आवाज़ लगाते हैं , राजू बेटा बाहर आ जाओ राजू अपनी गर्लफ्रेंड मोना का हाँथ पकड़ कर बाहर आता है और अपने ताया जी का चरण स्पर्श करता है चौधरी साहेब बोलते हैं बहुत अच्छे दोस्त थे तुम्हारे इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा , बर्षों से सोयी कुल देवता की आत्मा को अब शांति मिल जाएगी ,अब हमारा कुल भी खुशहाल और समृद्ध हो जायेगा , अब अच्छी फसल होगी पूर्वजों की इस बंज़र ज़मीन में , राजू जी ताया जी बोलकर मुंडी नीचे झुका लेता है , और चुप चाप ताया जी के साथ चलने लगता है मोना उन दोनों की बात सुनकर चीख पड़ती है वो ताया जी के कमर में खुसी रिवॉल्वर निकाल कर दोनों पर तान देती है और कहती है ज़ाहिल हो तुम सबके सब , तुम्हे जीने का कोई हक़ नहीं चौधरी साहेब बोलते हैं समझा इस छोरी नू बावरी हो गयी है के , तू ही तो हमारे कुल की बहू बनेगी छोरे जनेगी , चौधरी खान दान को वंश बढ़ाएगी , चौधरी की बात सुनकर मोना बन्दूक अपने सिर पर तान लेती है , और थूकती हुयी कहती है थू है तुम पर मुझे नहीं बनना कोई बहु वहू इधर इशारा पाकर राजू मोना की कनपटी में एक झापड़ जड़ देता है मोना के हाँथ से रिवॉल्वर छूट जाती है और मोना के बाल पकड़ कर घसीटता हुआ राजू उसे फॉर्म हाउस के अंदर ले जाता है । बेड रूम का दरवाज़ा बंद करता है और मोना की दर्द भरी चीख से सारा इलाका गूँज उठता है ।

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शाम का वक़्त है लॉन में चौधरी साहेब बैठे चाय पी रहे हैं , हरिया सामने पालतू सूअर और कुत्तों को बारी बारी से मांस के टुकड़े डाल रहा है , गर्भवती मोना के पेट में ५ माह का बच्चा है , मोना एक हाँथ से पेट सम्हाले और दूसरे हाँथ में नल की पाइप लिए गमलों में पानी डाल रही है , तभी राजू घर से बाहर निकलता है , और ताया की गर्दन धारदार खंज़र से काट देता है , चौधरी साहेब वहीँ तड़पने लगते हैं , हरिया चौधरी साहेब की लाश को घसीटता हुआ ले जाकर मगरमच्छ के बाड़े में डाल देता है , अधमरे चौधरी साहेब का एक एक अंग मगरमच्छ नोच नोच कर खाना सुरु कर देते हैं और चौधरी साहेब तड़प तड़प के मर जाते हैं , कैमरा ज़ूम आउट हो जाता है ।

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चौधरी साहेब दो भाई थे रूद्र प्रताप और तेज़ प्रताप उस समय राजू बहुत छोटा था और शहर में बोर्डिंग स्कूल में रहकर पढ़ाई कर रहा था , बड़ा भाई रूद्र प्रताप जितना नेक और शरीफ था तेज़ प्रताप उतना ऐय्यास और कमीने किश्म का इंसान था पिता जी ने निकम्मेपन चलते तेजप्रताप को ज़मीन जायदाद से पहले ही बेदखल कर दिया था , मगर बेसहारा तेजप्रताप पर तरस खाकर बड़े भाई रुद्रप्रताप उसे अपने पास रख लिए हरिया उनका बहुत वफ़ादार था , मगर एक शाम जब हरिया गाँव सामान लेने गया था , तेजप्रताप ने मौका पाकर रुद्रप्रताप और उनकी पत्नी का क़त्ल कर दिया और लाश को मगरमच्छ को खिला दिया , उसकी इस करतूत को हरिया समझ गया था मगर वो चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था , वो चुप चाप तेजप्रताप की दासता स्वीकार कर लिया और राजू के बड़ा होने का इंतज़ार करने में लग गया ।

story finished ,

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