paranormal activities in colony short horror stories in hindi ,

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घोस बाबू का रोज़ आधी रात को घर लौटना उनकी फितरत में था , मगर सामने का दृश्य देखकर घोष बाबू की आँखें भी हतप्रभ रह जाती है , कार के सामने नयी नवेली दुल्हन के वेश में एक लड़की जिसकी मौत अभी कुछ दिनों पहले ही मोहल्ले में हुयी थी , कार की लाइट के सामने आते ही वो लड़की एक भयानक चीख के साथ वहां से ग़ायब हो जाती है , घोष बाबू की कार दूसरे मोड़ से होते हुए सीधा अपने घर के गेट पर खड़ी होती है , वॉचमैन गेट खोलता है घोष बाबू पोर्च में गाड़ी खड़ी करके सीधा घर के अंदर घुस जाते हैं , वो दनदनाते हुए बेड रूम की तरफ जाते हैं , बीवी को बेड पर बैठने के लिए बोलते हैं और कपडे बदलने लग जाते हैं , तभी पूछती है सुनो जी इतनी रात में आना ठीक नहीं आप जल्दी घर आ जाया करो बच्चे बेचारे पापा कब आएंगे पूछते पूछते सो जाते हैं , घोस बाबू कहते हैं आज मैंने एक चीज़ देखी है तुम किसी को बताना मत घोष की बीवी कहती है मैंने आज तक क्या आपकी कही कोई बात कभी किसी से कही है , घोष बाबू कहते हैं वो श्यामलाल गुप्ता जी हैं न उनकी बेटी मीणा जो आत्महत्या कर ली थी उसके भूत को मैंने अपनी आँखों से देखा , घोष की बीवी कहती है , सो जाओ इतनी रात को दिमाग खराब मत करो , मैं लाइट बंद कर रही हूँ तभी घोष की पत्नी लाइट बंद कर देती है ,और चुपचाप घोष के बाजू में लेट जाती है , तभी अचानक घोष की बीवी की आँख खुलती है , घर के रोशन दान से किसी लड़की का चेहरा झांकता हुआ दिखाई देता है , , घोष की पत्नी घोष को जगाती है तभी चेहरा ग़ायब हो जाता है ।

घोष बोलता है अब मान भी लो मेरी बात मीणा की मौत साधारण बात नहीं थी , उसने मज़बूरी म आत्महत्या की उसे मरने के लिए मज़बूर किया गया है , अभी देखो और कितनी मौतें होगी इस इलाके में किसी कुवारी लड़की की मौत बहुत बड़ा अभिशाप होती है , और इस सबके ज़िम्मेदार होंगे मीणा के मम्मी पापा जिन्होंने अपनी ज़िद की वजह से उसकी शादी उसके पसंद के लड़के से नहीं होने दी ,

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मीणा दिल्ली में डाईटीसीएन की जॉब करती थी जिसके साथ बिहार का एक लड़का भी काम करता था , दोनों की जान पहचान हुए धीरे धीरे प्यार में बदल गयी , दोनों ने शादी के लिए अपने घर वालों के सामने बात रखी लड़के वाले तो राज़ी थे , मगर मीणा के मम्मी पापा ने साफ़ मना कर दिया , और मीणा की शादी कहीं और सेट कर दी बात चल ही रही थी दूसरे दिन सगाई थी एक दिन पहले ही मीणा ने ज़हर खा लिया , और हॉस्पिटल में उसकी मौत हो गयी मीणा ने मरते हुए कहाँ था था मम्मी पापा मैंने आपकी बात रख ली और ये बोलते ही उसके प्राण पखेरू उड़ गए ।

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मीणा के घर के सामने उसके बचपन की सहेली ऋचा का घर है , मीणा और ऋचा सहेली कम बहन जैसी ज़्यादा थी , आज से ठीक १ माह बाद ऋचा की सगाई होने वाली है , ऋचा के दूर के रिश्तेदारी में ही उसके माता पिता ने शादी पक्की कर रखी है , ऋचा जब भी अकेली होती थी वो मीणा की याद में खो जाया करती थी , उसने अपनी माँ को कई बार बताया भी की माँ मुझे मीणा सपने में आती है , वो मुझे हमेशा साथ चलने के लिए कहती है , उसकी माँ कहती है ये मनहूस मीणा मेरी बेटी को लगता है खा जाएगी , धीरे धीरे ऋचा भी कमज़ोर होती जा रही थी , डॉक्टर भी परेशान थे की लड़की को कोई बीमारी तो है नहीं फिर भी ये कैसे इस तरह हुयी जाती है , ऋचा की सगाई को एक हफ्ते बचे थे , एक रात अचनाक ऋचा चीख उठी वो चिल्लाइये माँ देखो मीणा मुझे ज़बरदस्ती ले जा रही है , ऋचा की माँ भूत प्रेत पर विश्वास करती थी , मगर ऋचा के बाबू जी इन सब बातों पर कतई विश्वास नहीं करते थे , ऋचा की माँ ने भूत भगाने वाले अघोरी से संपर्क किया अघोरी न बताया की आपके घर में वास्तुदोष है उसे दूर करने के लिए अनुष्ठान करना पड़ेगा अनुष्ठान का खर्चा लगभग लाख रूपये के करीब आएगा , ऋचा की माँ ने हामी भर दी वो हर हाल में वास्तुदोष से मुक्ति पाना चाहती थी ,

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आखिर एक दिन बाद सगाई थी रात में सब कुछ ठीक था मगर घडी के कांटा के १२ में पहुंचते ही ऋचा के कमरे से चीख आई घर के सभी सदश्य ऋचा के कमरे की तरफ दौड़े , सामने का मंज़र देखकर हैरान रह गए ऋचा के मुँह से झाग निकल रहा था , ऋचा चिल्ला रही थी मा मुझे बचा लो ये मीणा मुझे साथ ले जा रही है , मैं मरना नहीं चाहती , और वो छत पर लगे पंखे की तरफ देख कर डर रही थी , सबको बता रही थी वो देखो छत की दीवार पर मीणा चिपकी हुयी है , तभी ऋचा के बाबू जी एम्बुलेंस को फोन कर देते हैं , ऋचा को हॉस्पिटल ले जाने के एम्बुलेंस में चढ़ाया तो जाता है मगर हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ऋचा दम तोड़ देती है , फिर दिल की तसल्ली के लिए डॉक्टर को दिखाया जाता है डॉक्टर बताता है किसी ज़हर से आपकी बेटी कीnमौत हुयी है इसे लाने में आपने देर कर दी ।।

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इधर घोष बाबू ने अपनी पत्नी से बोला देखी कहा था न की मीणा की मौत जाया नहीं जाएगी वो आस पास के सब लोगों को मौत की नींद सुला के मानेगी , घोष बाबू की पत्नी कहती है शुभ शुभ बोलो जी ऐसी बातें सुनकर मेरा ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है , घोष बाबू कहते हैं तब तो तुम भी मर सकती हो घोष की बीवी कहती है मैं क्यों मरू मैंने कौन सा मीणा का कर्ज़ा खाया है , मरे मेरे दुश्मन , मेरे घर में मनहूस मीणा का नाम मत लिया करो , घोष बाबू कहते हैं इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है अकाल मृत्यु मरने वाला जीव अपने साथ कई लोगों को लेकर जाता है , ये सत्य है तुम्ही क्यों मैं भी मर सकता हूँ , घोष बाबू की बात सुनते ही उनकी पत्नी चुप चाप वहाँ से चली जाती है , और कहती है ऊपर वाले को समझाया जा सकता है मगर आपको नहीं ।

अभी ऋचा को मरे कुछ ही दिन बीता था , घोष बाबू को रात में देर से आने की आदत थी , जिसके कारण उनके घर में हमेशा चिंता का माहौल बना रहता था , आज रात जैसे ही घोष बाबू ने गाड़ी मोहल्ले की सड़क की तरफ मोड़ी रास्ते में ऋचा और मीणा साफ़ दिखाई दी , जिसके चलते गाड़ी सामने लगे इलेक्ट्रिक पोल से छू कर निकल गयी ऊपर वाले की मेहरबानी थी कि घोष बाबू बच गए ,

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बेटी की मौत से अभी निकल भी नहीं पाए थे की ऋचा की माँ की भी तबीयत खराब रहने लगी , ऋचा की माँ भी बस यही चिल्लाती थी , की मीणा ने मेरी बेटी को मार डाला है मीणा मुझे भी मार डालेगी , बेटी की मौत का सदमा ऋचा की माँ बर्दास्त नहीं कर पा रही धीरे धीरे वो अकेले रहने लगी लोगों से मिलना जुलना बंद कर दिया , ऋचा के बाबू जी ने ऋचा की माँ को सयकोटिस्ट को दिखाया और उनका इलाज़ सुरु हो गया ,ऋचा के साथ उनका ख़ास लगाव था , और वास्तुदोष को घर से हटाने के लिए वो तांत्रिक के संपर्क में अब भी थी , जिसके चलते वो अपने पास रखे नगदी और जेवर भी तांत्रिक को दे चुकी थी , फिर एक दिन अचानक ऋचा की माँ को आभास हुआ की मीणा और ऋचा दोनों उन्हें अपने पास बुला रही हैं जिसके चलते उन्होंने भी ज़हर खा लिया , और अपने जीवन की इहलीला समाप्त कर दी , अचानक मौत के कारण पुलिस आई रिपोर्ट हुयी जांच में मौत की वजह वही विषैले ज़हर का सेवन पाया गया , ऋचा के पिता को आश्चर्य तब हुआ जब घर के लॉकर न में जेवर थे न पैसे तब जाकर उन्हें तांत्रिक पर शक हुआ और वो तांत्रिक तक पहुंच पाते उसके पहले ही तांत्रिक रफूचक्कर हो चुका था ।

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घोष बाबू ने अपनी पत्नी से बोला देखी मैं कहता था न की अभी और मौतें होगी , घोष की पत्नी ने बात को सीरियस लिया बोला हाँ जी आप सही कहते थे , हमें किसी बड़े ग्यानी से व्यक्ति से मिलना चाहिए वरना मीणा का भूत हमें भी मार देगा , घोष बाबू ने बताया की मेरी पहचान के बहुत बड़े विद्वान् ज्ञानी हैं जो तंत्र विद्या में निपुण है , हम कल ही उनके पास चलते हैं ।

दुनिया जहान के तमाम देवी देवताओं से सजा एक हाल जिसके एक कोने बाबा औघड़नाथ अपने लैपटॉप में किसी विदेशी शिष्य से बात कर रहे थे बाबा के आशीर्वाद से बहुत बड़ा मुनाफा हुआ था उसको इसी ख़ुशी में वो बाबा को विदेश आने का आग्रह कर रहा था , बाबा ने बोला अभी दुर्गा अष्टमी तक मैं कहीं नहीं जा सकता , हाँ इसके बाद बॉम्बे जाने का प्लान है वहीँ एक जजमान के यहाँ अनुष्ठान है , तभी घोष बाबू और उनकी पत्नी औघड़ बाबा के चरणों में शास्टांग दंडवत गिर जाते हैं और त्राहिमाम त्राहिमाम करते हुए हैं हमारी जान बचाइए प्रभु औघड़ बाबा कहते हैं तेरे सर पर काल की विकट छाया है , राहु की दशा भारी है तुझ पर शुक्र शनि बुध बृहस्पति सब विपरीत दिशा में बैठे हैं , अकालमृत्यु का योग बन रहा है तेरा ,  इस नवरात्री में तो तू बच गया मगर अगली नव रात्रि से पहले तेरी मौत सुनिश्चित है , घोष की पत्नी कहती है , मेरे सुहाग की रक्षा करिये भगवन , औघड़ बाबा उसके सर पर हाँथ रखते हैं और माँ भगवती का भभूत उसके सर पर लगा देते हैं , और वहाँ से चले जाते हैं ।

औघड़ बाबा के पास से लौटते समय मोहल्ले की टर्निंग पर किसी व्यक्ति का जनाज़ा जाता हुआ दिखाई देता है , घोष बाबू गाड़ी रोक देते हैं , भीड़ में मोहल्ले के ही लोग थे , घोष बाबू ने कहा झब्बू मर गया बेचारा कितनी बार मना किया की शराब मत पिया कर , डॉक्टर भी जवाब दे चुके थे झब्बू ने बात नहीं मानी आखिर छोड़ गया अपने पीछे अपने बीवी बच्चों को रोने के लिए , घोष की बीवी ने तपाक से जवाब दिया , हो न हो ये भी मीणा की ही करतूत है , वही डायन मोहल्ले भर के लोगों को मारे डाल रही है , घोष ने बोला हो सकता है , घर पहुंचते ही घोष की पत्नी झब्बू के घर गयी और घोष श्मशान पहुंच गए आखिर झब्बू उनका पडोसी था , झब्बू की मौत तो शराब पीने से हुयी थी फिर उसका शरीर नीला क्यों पड़ गया था , झब्बू की नीली बॉडी देखकर घोष का शक यकीन में बदल गया की हो न हो झब्बू की मौत का कारण मीणा ही थी , अंतिम संस्कार के बाद घोष बाबू घर पहुंचे , और अपनी पत्नी को झब्बू की नीली लाश के बारे में बताया , कुछ दिनों के बाद ही घोष बाबू ने अपने घर में यज्ञ अनुष्ठान का बहुत बड़ा आयोजन करवाया देश भर के नामचीन पुरोहितों को बुलवाया गया , कई दिनों तक यज्ञ चला मगर मोहल्ले में हो रही मौतें नहीं रुकी , और आखिर कार एक रात घोष बाबू इस तरह सोये की दुबारा कभी नहीं उठे कहते हैं इतना हाहस्त पुष्ट आदमी कैसे मर गया किसी को आज तक यकीन नहीं होता है , ने ब्लड प्रेशर न शुगर , साइलेन्ट अटैक ।

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ऋचा और उसकी माँ की आकस्मिक मौत का सदमा ऋचा के पिता बर्दास्त नहीं कर पाए और कुछ समय के बाद वो मकान बेचकर वहाँ से चले गए , मोहल्ले में हो रही आकस्मिक मौतों की वज़ह से कॉलोनी वाशियों ने मीणा के माता पिता से अनुरोध किया की आपकी जवान बेटी मरी है कृपया उसका विधिवत पिंड दान करें वरना उसकी आत्मा हमेशा भटकती रहेगी और उसके रास्ते में आने वाले लोगों को इसी तरह से जान से हाँथ धोना पड़ेगा , मीणा की भटकती आत्मा की शुध्दि के लिए उसके माता पिता ने भगवत महापुराण सुनकर उसकी विधिवत वार्षिक श्राद्ध की जिसके बाद से अब तक मोहल्ले में किसी की आकस्मिक मौत की खबर सुनने को नहीं मिली ।

pix taken by google ,