urdu spiritual quotes in hindi ख़ाक मिटटी का बना पुतला ताउम्र जाने किस गुमान में रहा ,
ख़ाक मिटटी का बना पुतला ताउम्र जाने किस गुमान में रहा ,
बिना खुदा की रहमतों के क़ायनात ए तजस्सुस भी मुमकिन नहीं अन्जान रहा ।
तिल भर की भी ज़मीन साथ ले जाने की औक़ात नहीं है प्यारे ,
बात करते हैं उस खुदा की जिसने सारी क़ायनात की मिल्कियत से इब्न ए इंसान को मालामाल किया है ।
एक खुदा एक नमाज़ एक इबादत एक बंदगी ,
सब आसमानी फरिश्तों के बन्दे हैं फिर इंसान की इब्न ए इंसान से बेरुखी कैसी ।
हाल ए दिल अपना सुनाने में मसरूफ रहे हम ,
वो इस बात पर खफा थे ज़िक्र ए ज़िरह का उन्हें मौका नहीं मिला ।
निकले थे इस ख़्याल में सजेंगे बाग़ ए नौ बहार ,
गोया मौसम ए तपिश से अरमान जल गए ।
हमारे दर से उठा जो जनाज़ा उनका ,
दिल ए नासाद तो था ही न जाने चराग क्यों बुझ से गए ।
दिल ए वीरान की तस्वीर दिखा दी उनको ,
वो हंस के बोल दिए बाग़ ए बहार के रहनुमा किसके इश्क़ में उजड़े चमन के तलबगार हुए ।
रूबरू होकर भी मुख़ातिब नहीं होते ,
कारोबार ए इश्क़ की थकन से इस कदर चूर हो जैसे ।
तुनुकमिजाजी उनकी हमने उठा रखी थी सर आँखों पर ,
गोया हमारी बरसों की मोहब्बत को भी ज़राफ़त का इल्ज़ाम लगाया गया ।
उसकी ज़हर भरी नज़र के बीमार थे चारसू ,
वो हमको भी गुफ्तगू ए ग़ज़ल में अज़ाब पिलाता चला गया ।
चंद लम्हों का इंतज़ार अखरता है उन्हें ,
जिनकी राहों में तमाम उम्रें गुज़ार दी हमने ।
जाने किस बात पर ख़फ़ा हैं वो ,
उनकी हर एक बात पर बिना सोचे इख़्तियार किया है हमने ।
इक मुख्तसर सी मुलाक़ात में शब् ओ रोज़ थे जगे ,
सबने यही समझा इसका तो हर रोज़ रोजा है ।
आँखों में चुभ रही है वो कील भी मुझे ,
टांगी थी जिससे दीवार पर तस्वीर आपकी ।
pix taken by google ,
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