whatsapp status स्कूल का बस्ता सम्हाला नहीं जाता ,
स्कूल का बस्ता सम्हाला नहीं जाता,
किताबों में दिल छुपाये फिरते हैं ।
आतिश ए यारी का शौक़ है इसको ,
दिल से ज़्यादा भी कोई नामाक़ूल नहीं ।
गले में खुश्की है सारी रात की मयकशी के बाद ,
खुद पिया साक़ी या औरों को पिलाया सारी रात ।
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महबूबों से गिला कैसा खुदाओं से गुज़ारिश कैसी ,
मोहब्बत का मिजाज़ क़ाफ़िराना अदावतें भी बारिश के जैसी ।
विसाल ए यार ही होती गर फ़ितरत उसकी ,
आँखों से नींदें चुराने वाला ज़माने से तुझको छीन न लेता ।
अभी जागो की स्वर्णिम मिलन की मधुर बेला है ,
अभी कुहू की कलरव से गीतों में साज़ की आवाज़ भरना है ।
वादी ए सेहरा में विसाल ए यार के चर्चे हैं ,
सब्ज़ा सब्ज़ा कली ग़ुल ग़ुलनार यूँ ही नहीं महके हैं ।
फ़िज़ा में मिलते होंगे ग़ुल ओ ग़ुल वाली ,
शहर भर में मिजाज़ ए दिल नहीं मिलता ।
नज़रें मिलने मिलाने का बड़ा शौक़ था उनको ,
अब लड़कपन में दिल टूटना भी तो वाज़िब है ।
दम ब दम जान निकलती जाती है ,
न विसाल ए यार हुआ न ज़माना हमदम ।
जिनको हो विसाल ए यार का ग़म ,
कौन मिसाल ए यार का मुब्तला करे ।
गुंचा गुंचा दिनों के पखवाड़े ,
टुकड़ा टुकड़ा विसाल ए यार का ग़म ।
हमको तो ग़म ए विसाल ए यार ने मारा ,
तुम क्यों अंजुमन में उखड़े उखड़े हो ।
ज़िन्दगी एक टूटी फूटी नज़्म बनके रह गयी ,
कुछ जमाल ए यार के सदके उतारे कुछ अधूरी रह गयी ।
दीदार ए यार की तमन्ना थी मोहसिन ,
बे सबब चाँद सितारों को तकता है कौन ।
दुश्मनी होती तो हम भी तिज़ारत करते ,
हमको अपनों ने सरे बाजार नीलाम किया ।
यारों ने यारी निभा दी ऐसी ,
दुश्मनो से गिला शिकवा भी जाता रहा ।
बेमुरव्वत में मर गया क़ाफ़िर ,
जो दुश्मन ए यार से मोहब्बत भी बड़ी बेइंतेहाई से करता था ।
आतिश ए यारी का शौक़ है इसको ,
दिल से ज़्यादा भी कोई नामाक़ूल नहीं ।
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