तुझसे मोहब्बत की ख़लिश तुझसे राब्ता ए ग़म love quotes hindi ,
तुझसे मोहब्बत की ख़लिश तुझसे राब्ता ए ग़म ,
तू चला ग़र अपनी गली तेरे बिना भी खुश हैं हम ।
हश्र कौन जानता है मोहब्बत के मारो का,
किसी को राह ए क़ाफिला नहीं मिलता कहीं जनाज़े को काँधा नहीं मिलता ।
राह ए खाकसारी हो फ़ितरत जिनकी ,
वो तकदीरों से गिला शिक़वा नहीं करते ।
तुमने अंजाम ए मोहब्बत से आगाह किया था हमको,
हम ही ग़रूर ए इश्क़ की बदगुमानी में निकले ।
गुंचा गुंचा को फ़िक़्र थी ग़ुल की ,
बागबान ने ही अंजुमन को बेसहारा छोड़ दिया ।
ख़्वाबों के ख़्याली जाम से क्या प्यास बुझेगी ,
देखा जमाल ए यार तलफ़्फ़ुस बिगड़ गया ।
उतरेगा रोशनी में हर लिबास धीरे धीरे ,
रात की कालिख के राज़ ए ग़ुल और भी हैं बहुत गहरे ।
तुम्हीं लिखो की हम लिखें हम अपना हाल दिल क़लम लिखें ,
जब गर्दिश ए सुखनवर हों हम कैसे तुमको सनम लिखें ।
उतरेगा जुनून तेरे सर से भी मोहब्बत का ,
हमने ज़माने के सुखनवर बहुत खूबरु देखे ।
तेरे इश्क़ की ख़लिश ने क़लम को बदगुमाँ कर दिया क़ाफ़िर ,
तेरे हुश्न की तारीफ में भी कभी कभी लम्बे पुल बाँध देती है।
दिल में ख़लिश न रख शुक्र मना,
साबुत बच के आये हो हुश्न वालों के सनमख़ाने से ।
उसके ख़्वाबों पर नींदों का पहरा ,
ख़लिश इस बात की है नींदों को भी लूट लेता है वो ।
कितने क़िरदार बदल जाते हैं उम्र के रास्तों पर,
कुछ एक रिश्ते हैं जो साथ चलते जाते हैं ।
एक वजूद की तलाश ता उम्र की रही ,
ख़लिश इस बात की है कि मुझको खुद का वजूद न मिला ।
तेरा मिलना न मिलना थी बस तक़दीर कि बातें ,
तेरा मिलकर बिछड़ जाना ज़माने कि अदावत है ।
मंज़िलें अलग अलग हों कोई ख़लिश भी नहीं ,
क्या कम था साथ जो लम्हों का गुज़रा अच्छा गुज़रा ।
जामा न पहना रूहों को मज़हबी फूलों का ,
सहराओं के आगे हर जिश्म बेलिबास होता है ।
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